ब्याज दर, टैरिफ और बाज़ार एक उलझी हुई वैश्विक पहेली: 25-08-2025
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इन स्रोतों से पता चलता है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति और प्रस्तावित नए टैरिफ वित्तीय बाजारों को कैसे प्रभावित कर रहे हैं। फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने श्रम बाजार में बिगड़ती स्थिति और बढ़ती मुद्रास्फीति को एक "चुनौतीपूर्ण स्थिति" बताया है, जिससे सितंबर में ब्याज दर में कटौती की संभावना बढ़ गई है। इसके अलावा, अमेरिका द्वारा चीन, कनाडा और मैक्सिको पर लगाए गए नए टैरिफ वैश्विक व्यापार और आपूर्ति श्रृंखलाओं पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं, जिससे कुछ क्षेत्रों में मुद्रास्फीति का दबाव बढ़ सकता है और कॉर्पोरेट आय पर असर पड़ सकता है। इन भू-राजनीतिक और आर्थिक बदलावों के कारण विदेशी निवेशक भारतीय आईटी शेयरों से दूरी बनाए हुए हैं, क्योंकि वे वैश्विक अनिश्चितताओं और क्षेत्रीय बाजारों में बढ़ती अस्थिरता के बीच सावधानी बरत रहे हैं। कुल मिलाकर, ये स्रोत इस बात पर प्रकाश डालते हैं कि बदलती आर्थिक नीतियां और व्यापारिक तनाव वैश्विक बाजारों में कैसे उथल-पुथल मचा रहे हैं, जिससे निवेशकों को मुद्रास्फीति से बचाव और अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाने की सलाह दी जा रही है।