OFFRE D'UNE DURÉE LIMITÉE. Obtenez 3 mois à 0,99 $/mois. Profiter de l'offre.
Page de couverture de अध्याय – 1 आरम्भ में

अध्याय – 1 आरम्भ में

अध्याय – 1 आरम्भ में

Écouter gratuitement

Voir les détails du balado

À propos de cet audio

अध्याय – 1 आरम्भ में

इस दुनिया की जटिलता और इसका जीवन हमें आश्‍चर्य में डाल देता है। इसका आरम्भ कैसे हुआ? मनुष्य की सृष्‍टि कैसे और क्यों हुई? किस तरह मानव-जाति ने अपने सृष्‍टिकर्त्ता परमेश्‍वर की बात नहीं मानी और उससे विद्रोह किया? और उसके पाप के कारण परमेश्‍वर की ओर से मृत्यु का भयानक श्राप कैसे उसके ऊपर आया? इन सब का उत्तर बाइबल में हमें मिलता है। साथ ही बाइबल हमें यह भी बताती है कि हमारे पाप के कारण, जन्म से ही हमारे ऊपर मृत्यु की छाया मण्डराने लगती है और इसी के साथ हम जीते हैं। हमारे पास न तो कोई आशा है, न हमेशा तक रहनेवाला सच्‍‍चा आनन्द है और न ही सच्‍‍ची शान्ति, बस मृत्यु ही हमारी प्रतीक्षा कर रही है। चाहे हम निर्धन हों या धनवान, निर्बल हों या बलवान, बन्दी हों या स्वतन्त्र, रोगी हों या स्वस्थ, एक दिन तो हम सभी को मरना ही है और वह भी शीघ्र, और फिर, बाइबल बताती है कि हमें अपने सृष्‍टिकर्त्ता के सामने खड़े होकर बताना पड़ेगा कि आखिर क्यों हमने उसकी और उसके पवित्र नियमों की अनदेखी की। जी हाँ, परमेश्‍वर हमारे नहीं बल्कि अपने नियमों के अनुसार हमारा न्याय करेगा। न तो किसी धर्म ने, न ही किसी दर्शन ने, और न ही दुनिया के इतिहास में किसी व्यक्‍ति ने, इस भयानक श्राप से बचने का रास्ता दिखाया। रास्ता किसी ने दिखाया... तो वह है—बाइबल।

Pas encore de commentaire