• Episode 45 - बिल्कुल चुप
    Sep 5 2025
    हिम्मत करके मैं एस्केलेटर पर चढ़ कर मेट्रो स्टेशन के बाहर आता हूं, फिर एक ऑटोरिक्शा को हाथ दिखाता हूं और बहुत धीमी आवाज़ में बोलता हूं CP, वो मुझे बिठाता है, मुंह टेढ़ा करके थूकता है। मुझे बुरा लगता है, लगा जैसे ये मेरे हताश व्यक्तित्व पर गिरी थूक थी।
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  • Episode 44 - Rings of Saturn
    Aug 15 2025
    कैसे जान लिया जाता है कि किन्हीं दो लोगों के विचार मिलते हैं। वो exact point कौन सा होता है जब हम convince हो जाते हैं की फ़ला व्यक्ति हमारे जैसा सोचता है। और अगर सोचता है तो उस गर्व किया जाना चाहिए या लज्जित होना चाहिए?
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  • Episode 43 - Comfortably Numb
    Aug 4 2025
    अकेले में तुम अपनी हथेलियों को मसलते हो। फोन को घूरते हो। सैकड़ों बार व्हाट्सअप चेक करते हो। पर नहीं, एक ब्लू टिक तक नहीं। उसने तुम्हें त्यागा नहीं है, बस भूलना चाहा है।
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  • Episode 42 - Hero
    Jul 27 2025
    ये कहना ग़लत होगा कि मुझे मलाल नहीं है। मलाल हैं और बहुत से हैं पर मैं यकीन से नहीं कह सकता कि दो तरफ़ा मलाल कौन-कौन से रहे। जब मैं किसी की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा वो, या जब कोई मेरी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा वो।
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  • Episode 41 - Magic
    Jul 23 2025
    टाटा मैजिक की पिछली सीट पर बैठा वो शख़्स कुछ बेसाख्ता बुदबुदाए जा रहा था। अब वो प्रार्थना थी या गाली, मैं कह नहीं सकता। उसकी आँखें वहशत से भरी थी। जो दिन बिताया था उसका डर उन आँखों में दिख रहा था, या आने वाले कल का, कहा नहीं जा सकता।
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  • Episode 40 - You फूल
    Jul 6 2025
    भटकना तुम्हारी स्वाभाविक प्रवृति थी, the natural you. इसमें तुम्हें आनंद मिलता था, अब ये कह रहे हैं कि भटकने से तुम्हें रोकेंगे। मैं मन ही मन हंस पड़ता हूं।
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  • Episode 39 - बेवकूफ़ DNA
    Jun 17 2025
    मैं लाइटर रगड़ कर चिंगारी निकाल लेता हूं और उससे मानवजाति के पूर्वजों को श्रद्धांजलि देता हूं।
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  • Episode 38 - बस दो मिनट
    May 14 2025
    कहीं-कहीं किसी दीवार, खिड़की या घर को देखकर ऐसा भी लगता है, जैसे मैं यहां पहले भी आया था। इस खिड़की से मैंने भी कभी बाहर को झांका था, घाटी में आवाज़ दी थी। इस दरवाज़े से बाहर निकलते वक्त, आवारा हवा मेरे भी बालों से टकराई थी। इस दीवार पर थक कर कभी मैंने भी पीठ टिकाई थी।
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