Épisodes

  • सांख्य योग में आत्मा की अमरता और निष्काम कर्म: भगवद्गीता अध्याय 2 का गहन विश्लेषण
    Nov 18 2025

    कृष्णवाणी पॉडकास्ट की इस कड़ी में हम प्रस्तुत करते हैं—

    सांख्य योग: आत्मज्ञान और कर्म का सिद्धांत,

    जो भगवद्गीता के दूसरे अध्याय के श्लोक 21–40 पर आधारित है।

    इस एपिसोड में आप जानेंगे—

    आत्मा क्यों अविनाशी, नित्य और अपरिवर्तनीय है

    “वस्त्र परिवर्तन” रूपक द्वारा देह–आत्मा का गहरा रहस्य

    निष्काम कर्म (Karma without attachment) का शाश्वत सिद्धांत

    सुख–दुःख, लाभ–हानि को समान देखने की अद्भुत शिक्षा

    अर्जुन के लिए श्रीकृष्ण का चेतावनी संदेश—

    कर्तव्य से भागना ही वास्तविक पाप है

    यह एपिसोड बताता है कि कैसे सांख्य योग केवल युद्ध की परिस्थिति नहीं,

    बल्कि हर व्यक्ति के जीवन के संघर्षों में प्रकाश देने वाला आध्यात्मिक मार्गदर्शन है।

    अपने मन को स्थिर करें, हृदय को खोलें—

    और प्रवेश करें श्रीकृष्ण की दिव्य शिक्षा में।

    जय श्रीकृष्ण।

    #कृष्णवाणी #सांख्ययोग #भगवद्गीता #कर्मयोग #आत्मज्ञान #आध्यात्मिकता #धर्म #निष्कामकर्म #गीता_ज्ञान #महाभारत #आत्मा #अमरता #कृष्ण_उपदेश #SpiritualPodcast #BhagavadGita

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    18 min
  • आत्मा की अमरता और धर्म का सच्चा ज्ञान
    Nov 11 2025

    कृष्णवाणी के इस प्रेरणादायक एपिसोड — “सांख्य योग: अमरता और कर्तव्य का ज्ञान” — में प्रस्तुत है भगवद्गीता के द्वितीय अध्याय का गूढ़ संदेश।

    जब अर्जुन युद्धभूमि में मोह और करुणा से विचलित होता है, तब श्रीकृष्ण उसे आत्मा की अमरता, शरीर की नश्वरता, और कर्तव्य पालन के अनंत सिद्धांत का बोध कराते हैं।

    यह संवाद न केवल अर्जुन के संशय को मिटाता है, बल्कि हमारे जीवन के हर संघर्ष के लिए भी दिशा दिखाता है।

    श्रीकृष्ण कहते हैं — “न हन्यते हन्यमाने शरीरे” — आत्मा का वध कोई नहीं कर सकता; वह नित्य, शुद्ध और अविनाशी है।

    इस एपिसोड में सुनिए —

    आत्मा और देह का रहस्य

    कर्तव्य और धर्म का वास्तविक अर्थ

    दुःख-सुख के पार उठने का मार्ग

    यह सांख्य योग केवल दर्शन नहीं, बल्कि जीवन को जीने की एक अद्भुत दृष्टि है — जहाँ भय का अंत और ज्ञान का आरंभ होता है।

    #कृष्णवाणी #SankhyaYoga #BhagavadGitaWisdom #आत्मज्ञान #निष्कामकर्म #जयश्रीकृष्ण #GeetaPodcast #SpiritualAwakening #KarmaAndDharma #KrishnaTeachings #SanatanDharma #GitaInHindi #KarmaYoga #IndianPhilosophy #VedanticWisdom #KrishnaVaniSeries #GeetaAdhyay2 #SoulImmortality #DutyAndDetachment #ShrimadBhagavadGita

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    15 min
  • आत्म तत्व और मोक्ष: सांख्य योग | KrishnaVani Podcast | चेतना संवाद
    Nov 4 2025

    कृष्णवाणी पॉडकास्ट के इस प्रेरणादायक एपिसोड में,

    हम गहराई से समझते हैं — आत्म तत्व और मोक्ष का रहस्य,

    जैसा कि श्रीमद्भगवद्गीता के दूसरे अध्याय सांख्य योग में

    भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को समझाया था।

    यह अध्याय हमें तीन मुख्य सिद्धांतों का बोध कराता है —

    1️⃣ आत्मा की अमरता,

    2️⃣ आत्मा और परमात्मा की एकता (अद्वैत दर्शन),

    3️⃣ और मोक्ष की प्राप्ति के मार्ग — निष्काम कर्म, आत्मज्ञान और भक्ति के माध्यम से।

    श्रीकृष्ण कहते हैं —

    “न जायते म्रियते वा कदाचित्... आत्मा नित्य है, शाश्वत है, अविनाशी है।”

    यह उपदेश न केवल अर्जुन के मोह और भ्रम को समाप्त करता है,

    बल्कि हमें भी यह सिखाता है कि आत्मा और परमात्मा की एकता का अनुभव

    ही सच्चे मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग है।

    यह शो चेतना संवाद (YouTube Channel) के अंतर्गत प्रस्तुत किया जाता है।

    अब कृष्णवाणी पॉडकास्ट हर बुधवार को प्रसारित होता है।

    अगले बुधवार सुनिए —

    “निष्काम कर्म और आत्म-समर्पण: मोक्ष का वास्तविक मार्ग”

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    18 min
  • सांख्य योग: आत्म दर्शन और निष्काम कर्म |
    Oct 21 2025
    ChatGPT You said: कृष्णवाणी पॉडकास्ट के एपिशोड़ के लिये मैंने google notboolm से चर्चा का आडियों प्राप्त कर लिया है जिसका सारांश इसप्रकार है- जिसका शीर्षक "अर्जुनविषादयोग: नेतृत्व और नैतिक प्रबंधन" है, अर्जुन के युद्धभूमि संकट की पड़ताल करता है, इसे आधुनिक कार्यस्थल पर नैतिक नेतृत्व के लिए एक रूपक मानता है। यह पाठ इस बात पर ज़ोर देता है कि कैसे अर्जुन की दुविधा, जो कर्तव्य और प्रियजनों के बीच एक नैतिक संघर्ष थी, आज के नेताओं के लिए प्रासंगिक है, जिन्हें लाभ और नैतिकता के बीच कठिन निर्णय लेने पड़ते हैं। स्रोत बताता है कि नेताओं को केवल व्यावसायिक लाभ के बजाय दीर्घकालिक नैतिक उद्देश्यों पर ध्यान देना चाहिए और मानसिक स्थिरता बनाए रखने के लिए निष्काम कर्म के सिद्धांतों का पालन करना चाहिए। अंत में, यह निष्कर्ष निकालता है कि मानसिक संतुलन और नैतिक सिद्धांतों का पालन करने वाला नेता ही सफल हो सकता है, जैसा कि भगवद गीता के कर्मयोग सिद्धांत में वर्णित है। इसके आडियों तीन भाग विभजित होंगे जिसे मैं एड करके एक बनाऊँगा ।. प्रस्तावना 2. चर्चा (जो रिकाड्र हो गया है) ३. उपसंहार । . प्रस्तावना एवं उपसंहार के लिये स्क्रप्ट लिखें जिसे luvoice से text to speach से आडियों प्राप्त करुंंंगा ChatGPT said: बहुत बढ़िया आपने चर्चा का ऑडियो पहले से रिकॉर्ड कर लिया है, अब केवल प्रस्तावना और उपसंहार की स्क्रिप्ट चाहिए ताकि पूरा पॉडकास्ट “Krishnavani Podcast” के एपिसोड जैसा प्रोफेशनल और प्रभावशाली लगे। मैं आपके सारांश के आधार पर एक संतुलित, आध्यात्मिक और प्रबंधन-दृष्टिकोण से जुड़ा Intro (प्रस्तावना) और Outro (उपसंहार) लिख रहा हूँ। ️ प्रस्तावना स्क्रिप्ट (धीमी, गम्भीर और आत्मीय आवाज़ की कल्पना करें) “नमस्कार, स्वागत है आपका कृष्णवाणी पॉडकास्ट में। आज के इस विशेष एपिसोड का शीर्षक है – ‘अर्जुनविषादयोग: नेतृत्व और नैतिक प्रबंधन’। महाभारत की युद्धभूमि पर खड़े अर्जुन का संकट केवल एक योद्धा की दुविधा नहीं था, बल्कि हर युग के नेता के लिए एक गहरी सीख है। कर्तव्य और संबंधों के बीच जो नैतिक संघर्ष अर्जुन ने अनुभव किया, वही संघर्ष आज आधुनिक कार्यस्थल और नेतृत्व की दुनिया में भी सामने आता है। इस चर्चा में हम देखेंगे कि किस प्रकार गीता का यह पहला अध्याय हमें सिखाता है – कि असली नेतृत्व ...
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    19 min
  • आत्मा की अमरता: सांख्य योग सिद्धांत | कृष्णवाणी पॉडकास्ट शो
    Oct 14 2025

    इस कड़ी में हम गीता के दूसरे अध्याय — सांख्य योग — से प्रेरित होकर आत्मा और शरीर के शाश्वत सत्य को समझने का प्रयास करते हैं।

    भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को बताया कि शरीर नश्वर है, परंतु आत्मा अमर है।

    यह शरीर केवल एक वस्त्र की भाँति है — जो पुराना होने पर बदला जाता है —

    पर आत्मा कभी नष्ट नहीं होती।

    यह ज्ञान न केवल अर्जुन के मोह और विषाद को दूर करता है,

    बल्कि हमें भी यह सिखाता है कि जीवन के दुख, भय और मृत्यु की चिंता से ऊपर उठकर

    हम अपने कर्तव्य (Dharma) और आत्मज्ञान (Self-awareness) की दिशा में बढ़ें।

    ️ यह एपिसोड आधुनिक जीवन में मानसिक शांति, संतुलन और आत्मविश्वास के लिए गीता के अनंत संदेश को नए दृष्टिकोण से प्रस्तुत करता है।

    ️ सुनिए —

    “आत्मा की अमरता: सांख्य योग सिद्धांत”

    केवल कृष्णवाणी पॉडकास्ट शो में।

    #कृष्णवाणी #BhagavadGita #SankhyaYoga #आत्माकाअमरत्व #SpiritualWisdom #GitaPodcast #KrishnaVani #IndianPhilosophy #SpiritualPodcast #SanatanDharma #KrishnaTeachings #GeetaKaGyaan #DharmaAndKarma #SoulAndBody #MentalPeace

    इस चर्चा के आधार को विस्तार से समझने के लिये आप यह सुन सकते हैं- ⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠"अध्यात्मिक प्रबोधन: गीता के 18 योग" (Auidiobook)⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠ (https://play.google.com/store/audiobooks/series?id=QGNKHAAAABgLdM) इसे पढ़ना चाहे तो आप इस सीरिज के ईपुस्तकें पढ़ सकते हैं-⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠"आध्यात्मिक प्रबोधन: गीता के 18 योग"⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠ (https://play.google.com/store/books/series?id=iDZKHAAAABDDKM) "अगर आपको मेरा यह प्रयास पसंद आ रहा है तो मुझे सपोर्ट करें, आपका सहयोग मेरी रचनात्मकता को नया आयाम देगा।'' मुझे सपोर्ट करने के लिए यहाँ क्लिक करें • ⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠Support via BMC⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠ (https://buymeacoffee.com/ramesh.chauhan) • ⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠UPI से सपोर्ट (https://buymeacoffee.com/ramesh.chauhan/upi-3951629)

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    17 min
  • "सांख्य योगः महत्व और दार्शनिक दृष्टिकोण | KrishnaVani Podcast | Chetna Samvad"
    Oct 8 2025

    कृष्णवाणी पॉडकास्ट, जो चेतना संवाद यूट्यूब चैनल के अंतर्गत प्रसारित किया जाता है,

    के इस विशेष एपिसोड में हम प्रारंभ कर रहे हैं भगवद्गीता के दूसरे अध्याय —

    “सांख्य योगः” — का अध्ययन।

    सांख्य योग गीता के ज्ञानपथ का हृदय है।

    यह हमें सिखाता है कि आत्मा और शरीर दो अलग तत्व हैं —

    आत्मा शाश्वत, अविनाशी और अपरिवर्तनीय है, जबकि शरीर नश्वर और परिवर्तनशील।

    इस ज्ञान के माध्यम से मनुष्य मोह, शोक और भय से मुक्त होकर

    अपने कर्तव्य और धर्म का पालन करते हुए मुक्ति की ओर अग्रसर होता है।

    इस एपिसोड में सुनिए —

    • सांख्य योग का महत्व और गीता में उसका दार्शनिक स्थान
    • आत्मा और प्रकृति के द्वैत का रहस्य
    • अर्जुन के संशय और श्रीकृष्ण के ज्ञानपूर्ण उपदेश
    • ज्ञान और कर्म के समन्वय से मिलने वाला आंतरिक संतुलन

    अब से कृष्णवाणी पॉडकास्ट हर बुधवार प्रसारित होगा।

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    अगला एपिसोड: “आत्मा की अमरता और देह की नश्वरता”

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    17 min
  • अर्जुनविषादयोग: मानसिक स्वास्थ्य और आध्यात्मिक समाधान
    Oct 1 2025

    “कृष्णवाणी पॉडकास्ट” की आठवीं कड़ी में हम गहराई से समझते हैं अर्जुनविषादयोग को, जो केवल युद्धभूमि की कहानी नहीं बल्कि मानसिक स्वास्थ्य की समस्याओं का भी दर्पण है।

    महाभारत में अर्जुन जिस गहरे मानसिक संघर्ष और निराशा से गुजरता है, वही आज के आधुनिक जीवन में हमें तनाव, चिंता और अवसाद के रूप में दिखाई देता है।

    इस एपिसोड में आप जानेंगे –

    • अर्जुन का मानसिक संकट और आज की मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियाँ।
    • क्यों बाहरी साधन (भौतिक उपाय) स्थायी समाधान नहीं दे पाते।
    • आत्मज्ञान, आत्मा की अमरता और निष्काम कर्म कैसे बनते हैं मानसिक शांति के आधार।
    • गीता का दृष्टिकोण आधुनिक मानसिक स्वास्थ्य के लिए कितना प्रासंगिक है।

    यह कड़ी आपको याद दिलाएगी कि असली मानसिक स्वास्थ्य आत्मिक जागरूकता, धैर्य और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से ही संभव है।


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    इस चर्चा के आधार को विस्तार से समझने के लिये आप यह सुन सकते हैं- ⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠"अध्यात्मिक प्रबोधन: गीता के 18 योग" (Auidiobook)⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠

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    20 min
  • "अर्जुनविषादयोग: नेतृत्व और नैतिक प्रबंधन | KrishnaVani Podcast"
    Sep 24 2025

    “कृष्णवाणी पॉडकास्ट” के इस एपिसोड में हम बात करते हैं भगवद्गीता के पहले अध्याय ‘अर्जुनविषादयोग’ की।

    अर्जुन का युद्धभूमि पर आया संकट केवल एक योद्धा की दुविधा नहीं था, बल्कि नेतृत्व और प्रबंधन की दुनिया के लिए गहरी सीख है।

    इस चर्चा में आप जानेंगे –

    • कैसे अर्जुन का नैतिक संघर्ष आधुनिक कार्यस्थलों की चुनौतियों से मेल खाता है।
    • क्यों नेताओं को केवल लाभ पर नहीं, बल्कि नैतिक सिद्धांतों और दीर्घकालिक उद्देश्यों पर ध्यान देना चाहिए।
    • निष्काम कर्म और मानसिक संतुलन कैसे एक नेता को सफल बनाते हैं।

    यह एपिसोड हर उस व्यक्ति के लिए है जो नेतृत्व, प्रबंधन और आध्यात्मिक मूल्यों को साथ लेकर आगे बढ़ना चाहता है।

    सुनिए और जानिए कि कैसे गीता के सिद्धांत आधुनिक जीवन और कार्यक्षेत्र में मार्गदर्शन दे सकते हैं।

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    इस चर्चा के आधार को विस्तार से समझने के लिये आप यह सुन सकते हैं- ⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠"अध्यात्मिक प्रबोधन: गीता के 18 योग" (Auidiobook)⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠⁠

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    14 min