
नरसिम्हा राव के इन फैसलों ने बदली थी देश की आर्थिक स्थिति | Know Your Prime Minister
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आज हम आपको उस दौर में लिए चलते हैं, जब भारत आर्थिक संकट से जूझ रहा था और भारत के पास मात्र 89 करोड़ डॉलर की विदेशी मुद्रा रह गई थी. आसान शब्दों में कहा जाए तो भारत के पास दो सप्ताह के आयात के लिए ही विदेशी मुद्रा बची थी. इसकी सबसे बड़ी वजह थी 1990 का गल्फ वॉर, जिसके कारण तेल की कीमतों में तिगुनी वृद्धि हुई थी. उसकी दूसरी वजह थी कुवैत पर इराक के हमले की वजह से भारत को अपने हज़ारों मज़दूरों को वापस भारत लाना पड़ा था. नतीजा ये हुआ था कि उनके तरफ भेजी जाने वाली विदेशी मुद्रा पूरी तरह से रुक गई थी. ऊपर से भारत की राजनीतिक अस्थिरता और मंडल आयोग की सिफ़ारिशों के खिलाफ़ उभरा जन आक्रोश अर्थव्यवस्था को डुबाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा था. उसी समय अनिवासी भारतीयों ने भारतीय बैंकों से अपने पैसे निकालने शुरू कर दिए थे. लेकिन इस पूरे Scenario में भारत को डूबती नैया को बचाने का श्रेय जाता है उस समय के प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव को. आज के सत्ता चालक के इस एपिसोड में बात करेंगे पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव की, और उनके लिए हुए बड़े फैसलों की, जिसमें उन्होंने देश की डगमगाती आर्थिक स्थिति को संभाला था.
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