परीक्षाएँ, प्रयास, और संतोष: अल्लाह के फरमान का मार्गदर्शन
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अपने कठिनाइयों को विश्वास और दया के मार्गों में बदलें! इस The Muslim Recharge के एपिसोड में, हम गहन प्रश्न "क्यों मैं?" की खोज करते हैं, जब हम जीवन की अप्रत्याशित कठिनाइयों का सामना करते हैं। हमारे साथ जुड़ें जैसे हम कठिनाइयों के पीछे की दिव्य बुद्धि को उजागर करते हैं, कुरान और पैगंबर मुहम्मद (उन पर शांति हो) की शिक्षाओं से अंतर्दृष्टि प्राप्त करते हैं।
हम चर्चा करेंगे कि कैसे एक संतुलित दृष्टिकोण बनाए रखा जाए, आत्म-आरोप और अल्लाह पर आरोप के extremos से बचते हुए। डॉ. ओमर सुलेमान द्वारा वर्णित कठिनाइयों की तीन श्रेणियों को जानें और जानें कि आपकी प्रतिक्रिया आपको कैसे ऊँचा उठा सकती है या निराशा की ओर ले जा सकती है।
मुख्य बिंदु:- व्यक्तिगत जिम्मेदारी को पहचानकर और अल्लाह की बुद्धि पर विश्वास करके संतुलन अपनाएं।
- अपने दुआ को पोषित करें, इसे अपने जीवन का एक निरंतर हिस्सा बनाएं।
- शाश्वत पर ध्यान केंद्रित करें, क्योंकि सांसारिक परीक्षण अस्थायी होते हैं।
आप हर चुनौती में शांति और शक्ति प्राप्त करें। अपने विश्वास को चार्ज रखें, अपने मन को स्पष्ट रखें, और अपने दिल को मजबूत रखें!
स्रोत:
- क्या कठिनाइयाँ मेरी गलती हैं, या अल्लाह का परीक्षण? - नउमान अली खान
- क्या अल्लाह मुझे परीक्षण कर रहे हैं या सजा दे रहे हैं? - डॉ. ओमर सुलेमान
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