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पापा कहते हैं

पापा कहते हैं

Auteur(s): Sri Nath Arora
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जनवादी हिंदी लेखन के मुख्य हस्ताक्षर श्री श्रीनाथ जी हिंदी लेखन में १९७६ से २०१५ तक सक्रिय रहे। जोंक, मुक्तिपर्व एवं उपसंहार उनके प्रकशित कहानी संग्रह में से हैं । यह पॉडकास्ट उनकी चुनिंदा लघु कथाओं का ऑडियो रूपांतर है । बीस तीस साल पहले लिखी गयीं ये कथाएं आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं, क्योंकि बीस तीस साल बाद भी न हमारा समाज बदला न हम।All rights reserved. Art Théâtre
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