Page de couverture de 34 - गुनाहों का देवता - अधूरा प्रेम, अमर पीड़ा | धर्मवीर भारती की कलम से

34 - गुनाहों का देवता - अधूरा प्रेम, अमर पीड़ा | धर्मवीर भारती की कलम से

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गुनाहों का देवता – अधूरा प्रेम, अमर पीड़ा | धर्मवीर भारती की कलम से जीवन का सत्य

"गुनाहों का देवता" सिर्फ़ एक उपन्यास नहीं, बल्कि प्रेम, वियोग और अधूरी मोहब्बत का ऐसा अनुभव है जिसे पढ़कर जीना पड़ता है। सुधा और चंदर की कहानी आत्मा को झकझोर देती है और दर्द को भी सुकून बना देती है।

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