Page de couverture de Aaj kal - by Akshay edge

Aaj kal - by Akshay edge

Aaj kal - by Akshay edge

Écouter gratuitement

Voir les détails du balado

À propos de cet audio

यह कविता "आज कल" के लोगों की मानसिकता और प्रवत्ति को दर्शाती है ,कविता में अच्छे से बताया गया है की आज कल के माहोल में लोग कैसे बनते जा रहे है ,इर्ष्यात्मक,तुलनात्मक और अभिमानी बनते जा रहे है।

कविता के अंत में बताया गया है की लोग खुदके बनाए हुए रास्तों में चलते है बिना ये जाने और समझे की ये सही है या गलत और फिर अच्छाई की चादर ओढ़ लेते है जिससे की ऐसा लगे वो अच्छे है ,और उन्हें बाकियों से मतलब नही होता अगर कोई अच्छा बताए तो वो उन्ही का गला मरोड़ देते है, मतलब की आगे कहने नही देते और फिर से उसी रास्ते में निकल पड़ते है......


आशा करता हूं की ये कविता आपको आज के समय के बारे में अवगत कराएगी और आपको पसंद भी आएगी🤍

और ये छोटा सा स्पष्टीकरण आपको ये कविता समझने में मदद करेगा,क्योंकि आज के समय में इस प्रकार की कविताओं का चलन बहुत कम हो गया है और मेरे हिसाब से हमे हर प्रकार की कविताओं में रुचि रहनी चाहिए ,पढ़ने चाहिए ,सुनना चाहिए।

धन्यवाद🙏
- Akshay Edge
Instagram - @ edge_vibe /@akshay_edge
YouTube -@akshay_edye

Ce que les auditeurs disent de Aaj kal - by Akshay edge

Moyenne des évaluations de clients

Évaluations – Cliquez sur les onglets pour changer la source des évaluations.