Page de couverture de धान के धनी चाचा E5 : जानिए कैसे मशीनीकरण और आधुनिक तकनीकी अपनाकर लागत हो सकती है कम?

धान के धनी चाचा E5 : जानिए कैसे मशीनीकरण और आधुनिक तकनीकी अपनाकर लागत हो सकती है कम?

धान के धनी चाचा E5 : जानिए कैसे मशीनीकरण और आधुनिक तकनीकी अपनाकर लागत हो सकती है कम?

Écouter gratuitement

Voir les détails du balado

À propos de cet audio

धान की खेती: मशीनीकरण और आधुनिक तकनीकी अपनाकर लागत कम करें आज देश में धान की खेती करने वाले किसानों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। एक तरफ पानी की समस्या है तो दूसरी तरफ खेती की बढ़ती लागत। नतीजतन, धान की खेती करने वाले किसानों को अपेक्षित मुनाफा नहीं मिल पा रहा है। लिहाजा, खेती के लिए आधुनिक तकनीकों, उपकरणों तथा वैज्ञानिक तौर-तरीकों को अपनाना बेहद जरूरी हो जाता है। गौरतलब हैं कि आज कृषि क्षेत्र में मशीनीकरण का महत्त्व बढ़ता ही जा रहा है। बावजूद देश में अधिकतर किसान धान या दूसरी फसलों की खेती के लिए परंपरागत कृषि यंत्रों और उपकरणों का ही प्रयोग कर रहे हैं। जिसमें मेहनत, समय और खर्च ज्यादा लगता है, वहीं अपेक्षित उत्पादन भी नहीं मिल पाता है। ऐसे में अगर आधुनिक कृषि यंत्रों, उपकरणों तथा पद्धितियों को अपनाकर धान या दूसरी फसलों की खेती जाए तो लागत कम करके के उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है। मशीनीकरण से लागत में 30 फीसदी कमी संभव बचत ही किसानों का असली मुनाफा आधुनिक तकनीकों ने बनाई जगह धान की खेती के लिए अपनाएं मेडागास्कर विधि?क्या है SRI विधि और क्यों धान किसानों के लिए फायदेमंद है SRI प्रणाली में नर्सरी कैसे तैयार करें? पारंपरिक प्रणाली से कैसे अलग है SRI विधि बीजमात्रा-धान की यह एक उन्नत तकनीक है जिसमें नर्सरी के लिए बेड का निर्माण किया जाता है। खेत समतलीकरण-जहां पारंपरिक विधि में खेत को समतल बनाने के लिए हल एवं बैल की प्रयोग किया जाता है वहीं इसमें आधुनिक कृषि उपकरणों की मदद से खेत का समतल किया जाता है। पौधे लगाने के लिए मॉर्किंग-इस विधि में मॉर्किंग करके पौधों को लगाया जाता है। वहीं पारंपरिक विधि में मॉर्किंग की जरूरत नहीं पड़ती है। बांस या मेटल की मदद से मार्कर का निर्माण किया जाता है। 4.कोनो वीडर का उपयोग-पारंपरिक विधि में कोनो वीडर का उपयोग नहीं किया जा सकता। जबकि इसमें कोनो वीडर का उपयोग करके खेत के खरपतवारों को जैविक खाद में परिवर्तित किया जा सकता है। जो पौधों की बेहतर ग्रोथ के लिए मददगार है। वहीं पारंपरिक विधि में खरपतवार को निकालकर बाहर फेंकना पड़ता है. वहीं जरूरी पोषक तत्वों के लिए रासायनिक उर्वरक का प्रयोग करना पड़ता है। See omnystudio.com/listener for privacy information.

Ce que les auditeurs disent de धान के धनी चाचा E5 : जानिए कैसे मशीनीकरण और आधुनिक तकनीकी अपनाकर लागत हो सकती है कम?

Moyenne des évaluations de clients

Évaluations – Cliquez sur les onglets pour changer la source des évaluations.