10 Dec 25 - कुंडलिनी जागृत करने का असली फार्मूला - 3 मिनट में सहस्रार! दिन में सोने का महत्व! Part 1 Baba Ji Vijay Vats Satsang
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0:00 अदेखि देखिबा देखि विचारिबा, अदिसिटि रखिबा चीया | पाताल की गंगा ब्रम्हांड चढ़ाईबा, तहाँ बिमल बिमल जल पीया ||
1:05 (1) तेरा मंगल मेरा मंगल सब का मंगल होई रे!
3:05 (2) मेरा मंगल मेरा मंगल होई रे!
4:31 (3) तेरा अमंगल होय चाहे मेरा अमंगल होय रे
7:35 अदेखि देखिबा का अर्थ - जो देखा नहीं जा सकता सबसे पहले उसे देखो
9:25 अदिसिटि रखिबा चीया - उसे हृदय में बसाओ
10:25 क्या परमात्मा को परिश्रम/चेष्ठा से पाया जा सकता है?
11:37 अदेखि देखिबा देखि विचारिबा, अदिसिटि रखिबा चीया | पहले देखो फिर बांटो फिर अपने हृदय में ले जाओ
13:21 परमात्मा को पदार्थ की तरह मत देखो - आज का पहला सूत्र!
13:50 parmatma परिश्रमहीनता से पाया जाएगा!
15:04 ‼️कुछ ना करने में उतरना आलस्य है क्या?
16:43 सिर्फ सोना ही राहत नहीं होता, इससे पार भी कुछ होता है!
17:51 ‼️आज का दूसरा सूत्र- योग निद्रा 🛏️ में सोवो यानी दिन में सो
18:44 Song मेनू तेरा शबाब लै बैठा
19:30 नींद और योग निद्रा 🛏️
27:04 पाताल की गंगा ब्रम्हांड चढ़ाईबा, तहाँ बिमल बिमल जल पीया - आज तक की सभी videos का सार
30:14 परमात्मा ने यह सृष्टि क्यों बनाई?
30:42 नाभि के पास कुंडलिनी शक्ति है, उसका connection आनंद के साथ है! कुंडलिनी कैसे जागृत होगी?
32:10 कुंडलिनी जागने के बाद 3 min से ज्यादा नहीं लगते सहस्रार में जाने के लिए!
33:00 झुको = भीतर उतरोगे = रस घना फिर कुण्डलिनी जागृत
34:15 कुंडलिनी जागृत करने का आसान फार्मूला
36:56 क्रिया योग की विधि
39:51 योग निद्रा का मतलब?
40:21 कुंडलिनी का रास्ता
41:32 कुंडलिनी में चेतना है, रस भरा पड़ा है!
43:13 अगर सारे मनुष्य एक साथ कुण्डलिनी जगा लें तो फिर भी उस समुद्र में ज़रा सा भी फ़र्क़ नहीं पड़ेगा!