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Page de couverture de 11 Dec 25 - कुंडलिनी जागरण के बुरे प्रभाव! सच क्या है? “पाताल की गंगा ब्रह्मांड चढ़ाईबा” Part - 2 Baba Ji Vijay Vats Satsang

11 Dec 25 - कुंडलिनी जागरण के बुरे प्रभाव! सच क्या है? “पाताल की गंगा ब्रह्मांड चढ़ाईबा” Part - 2 Baba Ji Vijay Vats Satsang

11 Dec 25 - कुंडलिनी जागरण के बुरे प्रभाव! सच क्या है? “पाताल की गंगा ब्रह्मांड चढ़ाईबा” Part - 2 Baba Ji Vijay Vats Satsang

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À propos de cet audio

0:00 अगर सारे मनुष्यों की कुंडलिनी एक साथ जग जाए तो क्या समुद्र में फ़र्क़ पड़ेगा?

2:41 बाबा जब आपकी मूर्ति बन जाएगी तो हम आपसे सम्पर्क कैसे करेंगे?

5:01 Song जहां जाइएगा हमें पाइएगा

6:05 कुंडलिनी शक्ति जगने का अर्थ!

9:37 कुंडलिनी 3.5 मोड़ो में बंटी हुई है और सीधी होने का मतलब connection लग गया!

10:31 अलग अलग चक्रों को जागृत करने की चेष्टा मत करना!

11:18 चेतना के विस्फोट 💥/ कुंडलिनी जागरण से कुछ गलत नहीं होता, आनंद 🤩 घना होता है!

11:50 परमात्मा क्रोधी नहीं, प्रेम का सागर है - Jesus Christ

13:48 भ्रमण्ड का फैलना बिंदु से शुरू हुआ!

16:36 पाताल की गंगा ब्रम्हांड चढ़ाईबा

17:32 तहाँ बिमल बिमल जल पीया

23:04 💧 बूंद के ऊपर समुद्र 🌊 गिर जाये तो क्या हाल होगा?

25:06 कुछ नहीं करना सिर्फ मूर्तवत बैठ जाओ!

28:12 बाबा अपनी आवाज़ देदो मुझे!

30:25 पत्थर 🪨 की मूर्ति बनाने का कारण क्या था?

31:51 छोटे बच्चे 👦 डर के क्यों उठ जाते हैं?

36:07 अग्नि 🔥 में अपना अहंकार डाल दो!

38:55 परमात्मा ने मृत्यु ना बनाई होती तो तुम पागल हो गए होते

41:35 अगर तुम गांधी होते तो क्या करते?

46:32 Song हुई शाम उनका ख्याल आ गया

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