Page de couverture de EP 15- जाने वालों ज़रा मुड़ के देखो इधर

EP 15- जाने वालों ज़रा मुड़ के देखो इधर

EP 15- जाने वालों ज़रा मुड़ के देखो इधर

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क्या देह से अधूरे इंसान, इंसान नहीं होते? कोई व्यक्ति क्या सिर्फ़ इसलिए हँसी का पात्र बन जाए क्योंकि वह विकलांग है या हमारे जैसा नहीं है| क्या देह से अधूरे लोगों का अपना स्वाभिमान नहीं होता? उनके सपने नहीं होते? उनमें कुशलता नहीं होती? उनमें प्रेम नहीं होता? देह से अधूरे हैं, तो क्या […]
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