Page de couverture de EP 16- ज़ंजीरें तो ज़ंजीरें हैं

EP 16- ज़ंजीरें तो ज़ंजीरें हैं

EP 16- ज़ंजीरें तो ज़ंजीरें हैं

Écouter gratuitement

Voir les détails du balado

À propos de cet audio

सारी खिड़कियाँ, दरवाजे बंद कर लिए हमने और कमाल ये कि किसी की सुननी नहीं है हमें, न अब कुछ समझना ही है, खुद की पहनी ज़ंजीरों की चुभन में रस खोजते हैं हम। फर्ज़ी हँसी है हमारी, और मुस्कानें भी झूठी । क्या हम आज़ाद हैं? अपनी बनाई ज़ंजीरों से मुक्त होना ही होगा, […]
Pas encore de commentaire