Page de couverture de अध्याय 13 प्रकृति, पुरुष तथा चेतना

अध्याय 13 प्रकृति, पुरुष तथा चेतना

अध्याय 13 प्रकृति, पुरुष तथा चेतना

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अर्जुन ने कहा - हे कृष्ण! मैं प्रकृति एवं पुरुष, क्षेत्र एवं क्षेत्रीज्ञ तथा ज्ञान एवं ज्ञेय के विषय में जानने का इच्छुक हूं। श्री भगवान ने कहा - है कुंती पुत्र, यह शरीर क्षेत्र है और इस क्षेत्र को जानने वाला क्षेत्रज्ञ है
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