सोमवार, 22 सितंबर 2025 को भारतीय शेयर बाजार में लगातार दूसरी सत्र की गिरावट दर्ज की गई, जिसका मुख्य कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा H-1B वीज़ा शुल्क को 1,200–5,000 डॉलर से बढ़ाकर 1,00,000 डॉलर करने की घोषणा के बाद आई आईटी शेयरों में तेज बिकवाली रही। सेंसेक्स 466 अंक गिरकर 82,160 पर बंद हुआ (0.56% नीचे) और निफ्टी50 125 अंक गिरकर 25,202 पर बंद हुआ (0.49% नीचे)। टेक महिंद्रा, टीसीएस और इंफोसिस जैसे प्रमुख आईटी शेयरों में क्रमशः 3.76%, 2.9% और 2.62% की गिरावट आई, जिससे निफ्टी आईटी इंडेक्स लगभग 3% लुढ़क गया। विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली के बीच रुपया भी डॉलर के मुकाबले 88.31 तक कमजोर हुआ। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि H-1B वीज़ा धारकों में भारतीय आईटी कर्मियों का हिस्सा केवल 3–5% है, इसलिए दीर्घकालिक प्रभाव सीमित रह सकता है। वहीं SEBI की हिंडनबर्ग जांच में क्लियरेंस मिलते ही अदानी एंटरप्राइजेज में 3.12% की तेजी रही। तकनीकी विश्लेषकों के अनुसार निफ्टी के लिए 25,050 अंक सशक्त सीख और 25,250 अंक महत्वपूर्ण प्रतिरोध स्तर बने हुए हैं।