• एपिसोड 14: ज्ञान-यज्ञ का उपसंहार - मोक्ष के दो पंख
    Sep 5 2025

    हमारी यात्रा के इस अंतिम एपिसोड में, हम संपूर्ण शिक्षाओं का सार प्रस्तुत करेंगे। हम जानेंगे कि मोक्ष रूपी परम पद तक पहुँचने के लिए दो पंखों की आवश्यकता होती है, जैसे पक्षी को उड़ने के लिए । ये दो पंख हैं - सत्य का ज्ञान और व्यवहार में सदाचार (नैतिक आचरण) । इन दोनों का समान रूप से अभ्यास करने पर ही सिद्धि प्राप्त होती है, क्योंकि ज्ञान से सदाचार और सदाचार से ज्ञान परस्पर बढ़ते हैं ।

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  • एपिसोड 13: जगत-प्रपंच - एक दीर्घ स्वप्न
    Sep 5 2025

    क्या यह जाग्रत अवस्था भी एक सपना है? इस एपिसोड में हम जानेंगे कि यह जगत कोई ठोस बाहरी वस्तु नहीं, बल्कि ब्रह्म का एक संकल्प या विचार मात्र है, ठीक एक लंबे सपने की तरह । जैसे जागने पर स्वप्न मिथ्या सिद्ध हो जाता है, उसी प्रकार आत्मज्ञान होने पर यह जाग्रत जगत भी एक लंबा स्वप्न ही प्रतीत होता है । वास्तव में, जिसकी जैसी दृढ़ भावना होती है, उसे वैसा ही अनुभव होता है ।

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  • एपिसोड 12: जीवन्मुक्त - जीते-जी मुक्त
    Sep 5 2025

    क्या जीते-जी मुक्त होना संभव है? इस एपिसोड में हम जीवन्मुक्त पुरुष के लक्षणों का वर्णन करेंगे, जो संसार में रहते हुए भी उससे अछूता रहता है, जैसे पानी में कमल का पत्ता । वह सभी कर्म करता है, लेकिन कर्ता होने का अभिमान नहीं रखता । सुख-दुख, मान-अपमान में वह समभाव रहता है और उसका मन सदा आत्मा में स्थित रहता है ।

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    21 min
  • एपिसोड 11: परमात्मा, भक्ति और शरणागति का मार्ग
    Sep 5 2025

    इस एपिसोड में हम परमात्मा के दो प्रमुख रूपों को जानेंगे: साकार चतुर्भुज रूप, जिन्हें भक्त भगवान विष्णु के नाम से जानते हैं , और निराकार, आदि-अंत से रहित परम स्वरूप, जिसे ज्ञानी अनुभव करते हैं । हम 'शरणागति' के वास्तविक अर्थ को समझेंगे - यह जानना कि संसार में भयभीत पुरुष के लिए एकमात्र परमात्मा की शरण ही योग्य है, अन्य कोई नहीं ।

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  • एपिसोड 10: मनोनिग्रह - मन पर विजय
    Sep 5 2025

    मन ही बंधन और मोक्ष का कारण है । इस एपिसोड में हम मन को वश में करने के चार निश्चित उपायों पर चर्चा करेंगे: अध्यात्म विद्या की प्राप्ति, साधु संगति, वासना का सर्वथा त्याग, और प्राण स्पन्दन का निरोध । हम जानेंगे कि मनोनिग्रह का अर्थ मन को बलपूर्वक दबाना नहीं, बल्कि उसे विवेक द्वारा समझाकर आत्मा की ओर मोड़ना है, जिससे वह परम शांति को प्राप्त हो जाता है ।

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  • एपिसोड 9: ध्यान, मौन और पूजन के रहस्य
    Sep 5 2025

    सच्ची पूजा क्या है और इसका वास्तविक स्वरूप क्या है? इस एपिसोड में हम जानेंगे कि सर्वश्रेष्ठ देवार्चन बाहरी सामग्रियों से नहीं, बल्कि अपने ही हृदय में स्थित परमात्मा का ज्ञान, समता और शांति रूपी पुष्पों से पूजन करना है । हम चार प्रकार के मौन में से सर्वश्रेष्ठ 'सुषुप्ति मौन' को समझेंगे, जिसका अर्थ है ध्यान करते हुए या न करते हुए, सभी अवस्थाओं में समभाव से परमात्मा के चिंतन में लगे रहना ।

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    17 min
  • एपिसोड 8: गुरु, सत्संग और साधना की महिमा
    Sep 5 2025

    आध्यात्मिक यात्रा में एक मार्गदर्शक क्यों आवश्यक है? यह एपिसोड समझाएगा कि एक आत्मज्ञानी गुरु का मिलना सबसे बड़ा सौभाग्य है, जो शिष्य के भीतर ज्ञान का दीपक प्रज्वलित करते हैं । हम जानेंगे कि सत्संग (ज्ञानियों का संग) एक ऐसी जहाज है, जिससे संसार सागर को सुगमता से पार किया जा सकता है । जीवन्मुक्त सज्जनों की श्रद्धा-भक्ति से सेवा करने से जो पद मिलता है, वह यज्ञ, तीर्थ या तपस्या से भी प्राप्त नहीं होता ।

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    18 min
  • एपिसोड 7: जीव और जगत की प्रकृति - जैसी दृष्टि, वैसी सृष्टि
    Sep 5 2025

    जैसी हमारी आंतरिक भावना (वृत्ति) होती है, वैसी ही हमें बाहरी दुनिया की प्रतीति होती है । इस एपिसोड में हम जानेंगे कि जिनका चित्त शांत हो चुका है, उनके लिए भीड़ भरा नगर भी सुनसान जंगल जैसा लगता है । वहीं जिनका मन तृष्णा की ज्वाला से संतप्त है, उनके लिए सारा जगत जलता हुआ प्रतीत होता है । वास्तव में, पूरा जगत आत्मतत्व से ही परिपूर्ण है ।

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    13 min